बेखबर-बेअसर भ्रष्टाचारी सरकार
कोयला घोटाले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणी से पूरी सरकार कटघरे में खड़ी हो गई है। कोयला घोटाले की जांच कर रही सीबीआई को सर्वोच्च न्यायालय ने जांच की प्रगति सरकार से साझा नहीं करने की हिदायत दी थी। किंतु सीबीआई जिस जांच रिपोर्ट को अदालत में पेश करने वाली थी, उसे कानून मंत्री और अन्य सिपहसालारों द्वारा काटछांट कर सरकार के अनुकूल बनाया गया। इस पर विगत मंगलवार को अदालत ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है, ‘‘यह इतना बड़ा विश्वासघात है कि उसने पूरी नींव को हिला कर रख दिया है...यह सामान्य नहीं, बल्कि जानबूझकर किया गया धोखा है। पहले ही तय कर लिया गया था कि अदालत को इसकी जानकारी नहीं दी जाएगी।’’ सरकार के इस छलफरेब के कारण पूरी दुनिया हम पर हंस रही है। स्वाभाविक है कि सत्ता के षीर्ष स्तर तक फैले भ्रष्टाचार से सर्वाधिक क्षति भारत की साख और उसकी छवि को हुई है। किंतु बड़े-बड़े घोटालों के सामने आने के बाजूद कथित ईमानदार छवि वाले देष के प्रधानमंत्री शर्मसार नहीं हैं। क्यों?
क्या इतिहास खुद को दोहराएगा?
पिछले साल 400 से अधिक और इस वर्ष अब तक करीब सौ बार चीन की सेना ने भारतीय सीमा का अतिक्रमण किया है। अतिक्रमण की 90 प्रतिशत घटनाएं लद्दाख क्षेत्र में दर्ज की गई हैं। ताजा अतिक्रमण में विगत 15 अप्रैल की मध्यरात्रि को चीन की सेना पूर्वी लद्दाख के दौलत बेग ओल्दी में भारतीय सीमा क्षेत्र में 10 किलोमीटर अंदर, बुरथे तक घुस आई। करीब 17,000 फीट की ऊंचाई वाले इस क्षेत्र में चीनी सेना ने तीन अस्थायी चौकी निर्मित किए हैं। भारत द्वारा आपत्ति दर्ज कराए जाने के बावजूद चीनी सैनिक पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। उसने उक्त क्षेत्र को अपना बताया है। चीन के इस दुस्साहस का कारण क्या है? यक्ष प्रश्न यह भी कि सत्ता अधिष्ठान चीन को माकूल जवाब देने से कतराता क्यों है?
अमेरिका के सर्वाधिक सुरक्षित शहर बोस्टन में तमाम सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद इस्लामी आतंक ने एक बार फिर तांडव मचा ही दिया। इस हमले के दूसरे दिन हमारे देश में बंगलौर के मलेश्वरम में भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय के निकट हुए आतंकी हमले में 13 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। बोस्टन मैराथन में भाग लेने आए 90 देषों के 28 हजार धावकों के लिए स्वाभाविक तौर पर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए होंगे, किंतु आतंकी अपने मंसूबे में कामयाब रहे। दोहरे बम विस्फोट में तीन निरपराध मारे गए, जबकि दो सौ लोग गंभीर रूप से घायल हैं।
भारत पर आतंकी हमलों की लंबी सूची है। भारत सहित कई ऐसे देश जो इस्लाम के अनुयायी नहीं हैं, वे सर्वभौम इस्लामी एजेंडे के कारण जिहादियों के निषाने पर हैं। शरीआ का पूर्ण पालन नहीं करने वाले इस्लामी देश भी जिहादियों के कहर से अछूते नहीं हैं। किंतु इस्लामी आतंकवाद को लेकर सेकुलर दलों की जो सोच है, उसके कारण इस्लामी आतंकवाद पर काबू पाना असंभव हो रहा है।
आतंकवाद के खात्मे के लिए सत्ता अधिष्ठान के कथित ‘दृढ़ निश्चय व ठोस इरादों’ की कलई फिल्म अदाकार संजय दत्त और आतंकी लियाकत शाह को लेकर चल रही मुहिम को मिल रहे सरकारी समर्थन से खुल जाती है। भारत-नेपाल सीमा पर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से पकड़े गए हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी लियाकत शाह से हुई पूछताछ के बाद दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में स्थित एक गेस्ट हाउस से भारी मात्रा में गोलीबारुद और असलहे बरामद किए गए। आतंकियों की साजिश होली के अवसर पर दिल्ली को दहलाने की थी। मुंबई हमलों की तर्ज पर दक्षिणी दिल्ली के भीड़भाड़ वाले इलाके में अंधाधुंध गोलीबारी और ग्रेनेड से हमले की साजिश रची गई थी।