Dainik Jagran 2013-05-09

पिंजड़े में बंद तोते की कहानी

कोलगेट घोटाले की जांच रिपोर्ट सरकार से साझा करने को लेकर विगत बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीई को कड़ी फटकार लगाते हुए उसे ‘पिंजड़े में बंद तोते’की संज्ञा दी है। अदालत ने कहा कि यह तोता अपने पालक की जुबां ही बोलता है। इसके साथ ही अदालत ने कानूनमंत्री द्वारा रिपोर्ट में संशोधन करने और कोयला मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय के सचिवों द्वारा रिपोर्ट का अवलोकन करने पर गंभीर आपत्ति जताई है। अदालत ने पूरे प्रकरण को ‘पिंजड़े में बंद एक तोते और कई मालिकों’की दुर्भाग्यपूर्ण कहानी बताया। अदालत ने सरकार को चेताते हुए साफ संकेत भी दे दिया है कि यदि सीबीआई को स्वतंत्र नहीं किया गया तो अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ेगा।





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